मंईयां सम्मान योजना हेमंत सरकार |
झारखंड में मंईयां सम्मान योजना के पीछे की राजनीति और आंकड़े को समझ लेना बेहद जरूरी है। यह आंकड़े बताते हैं कि इस योजना के पीछे हेमंत सरकार की रणनीति क्या है। हेमंत सरकार 50 लाख से अधिक महिलाओं को इस योजना के तहत हर साल 12 हजार रुपए देने का लक्ष्य लेकर चल रही थी। ध्यान रहे यह आंकड़ा तब था जब उम्र सीमा 21 थी लेकिन इसे घटाकर 18 करने के बाद यह आंकड़ा और बड़ा हो गया है।
क्यों है महिलाओं पर फोकस
अब सवाल है कि इस योजना का लाभ क्या राजनीतिक लाभ मिलेगा ? क्यों हेमंत सरकार महिलाओं को विशेष लाभ दे रही है, विधानसभा चुनाव के वोटिंग पैटर्न को समझने से पहले हम लोकसभा चुनाव के आंकड़े को देखना होगा। 20 सितंबर 2024 तक झारखंड में राज्य के 2.59 करोड़ मतदाता हैं. इसमें 1.31 करोड़ पुरुष और 1.28 करोड़ महिला मतदाता हैं। 85 साल से अधिक उम्र के 1.14 लाख वोटर हैं, तो 450 ट्रांसजेंडर भी मतदाता सूची में शामिल हैं।
सवाल- अब इस आंकड़े में महिला वोटर्स से अधिक संख्या पुरुष वोटर्स की है फिर यह योजना महिलाओं के लिए क्यों है।
महिला वोट कम लेकिन मतदान अधिक
लोकसभा चुनाव के आंकड़े बताते हैं कि वोट देने वाले 1.7 करोड़ मतदाताओं में से 87.11 लाख महिलाएं और 83.85 लाख पुरुष थे। 68 निर्वाचन क्षेत्रों में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से अधिक थी, जबकि केवल 13 विधानसभा सीटों पर मत डालने वाले पुरुषों की संख्या अधिक थी। महिला वोटर्स अगर योजना का लाभ लेती है, तो पूरे परिवार पर इसका असर पड़ता है। ज्यादातर पुरुष रोजगार की तलाश में दूसरे राज्य चले जाते हैं जबकि महिलाएं घर संभालती है।
जांचा परखा फार्मूला
मंईयां सम्मान योजना अचानक से नहीं आई या झारखंड इकलौता राज्य नहीं है जहां महिलाओं पर फोकस है। देश के कई राज्यों में लगभग सभी राजनीतिक दलों ने इसे आजमाया है या आजमा रहे हैं। हरियाणा में कांग्रेस ने वादा किया है कि अगर वो सत्ता में आते हैं, तो महिलाओं को हर महीने दो हजार यानि सालाना 24 हजार रुपए देंगे। इस योजना के मायने इसी से समझिए की भाजपा ने 100 रुपए बढ़ाकर बोली लगाई है, कहा है कि अगर हमारी सत्ता में वापसी हुई तो हम 2100 रुपए हर महीने देंगे। यहां इस योजना का नाम लाडो लक्ष्मी योजना है।
इन राज्यों में भी है योजना
1. महाराष्ट्र - मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन योजना के नाम से चला रहा है जहां परिवार की आय 2.5 लाख से कम है उस परिवार की महिलाओं को 1500 रुपए हर महीने।
2. छत्तीसगढ़- महतारी वंदना योजना के नाम से चला रहा है जहां महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपए मिल रहा है।
3. मध्यप्रदेश- मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना के नाम से चला रहा है ध्यान रहे कि इसे पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ही लांच किया था जो आज झारखंड के चुनाव प्रभारी हैं, जिस परिवार की आय सालाना 2.5 लाख रुपए से कम थी उस परिवार की महिलाओं को एक हजार रुपए देना शुरू किया, मोहन यादव ने इसे 1250 रुपए कर दिया लेकिन जब भाजपा दोबारा सत्ता में आई तो इसे बढ़ाकर अब 3000 हजार रुपए कर दिया गया है।
4. पश्चिम बंगाल- लक्ष्मी भंडार योजना के नाम से चला रहा है यहां फरवरी 2021 से ही योजना चल रही है। अनुसूचित जाति और जनजाति की महिलाओं को 1200 रुपए महीना और दूसरे वर्ग कगी महिलाओं को एक हजार रुपए महीना।
5. कर्नाटक- गृह लक्ष्मी योजना 19 जुलाई 2023 से यह योजना चल रही है। कांग्रेस की सरकार 2 हजार रुपए महीना महिलाओं को दे रही है।
6. तमिलनाडु- कलैग्नार मगलिर उरीमाई थित्तम (Kalaignar Magalir Urimai Thittam) मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने सितंबर 2023 में इस योजना की शुरूआत की थी। इसके तहत 21 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को एक हजार रुपए देने का फैसला लिया गया जिसे बाद में बढ़ाकर 12 सौ रूपए कर दिया गया।
7. हिमाचल प्रदेश - मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू ने 4 मार्च को ऐलान किया कि 18 से 60 साल की महिलाओं को 1500 रुपए महीने दिया जाएगा
8. दिल्ली- 5 मार्च को दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी ने मुख्यमंत्री महिला सम्मान राशि का ऐलान किया। जिसमें 18 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं को 1000 रुपए दिए जाएंगे।
9. पंजाब - आम आदमी पार्टी की सरकार ने यहां भी 2022 के विधानसभा चुनाव में महिलाओं को 1 हजार रुपए हर महीने देने का वा दिया था हालांकि उनका यह वादा अब भी वादा ही है योजना अब तक लागू नहीं हुई है।
देशभर के 9 से अधिक राज्य हैं जहां महिलाओं को फोकस करती ऐसी योजनाओं चल रही है या उनका ऐलान किया गया है जिससे महिला वोटर्स को साधा जा सके।