ईश्वर रहते हैं यहां.... |
झारखंड में कई ऐसे पहाड़, झरने और कमाल की जगह है जहां शायद अबतक बहुत कम लोग पहुंचे हों. इनमें से एक नामकुम का शिवधाम जो मराशिला पहाड़ के नाम से भी अपनी पहचान रखता है. इस पहाड़ में बने शिव मंदिर की कई कहानियां है, दुर्गा जी के पांव के निशान है लेकिन सिर्फ एक पांव का निशान है. तमाम कहानी और मान्यताओं के बीच यह जगह आपको बिल्कुल शांत कर देती है. चारो तरफ हरियाली, और शाम के वक्त की बहती ठंडी हवा.
कैसे मराशिला नाम पड़ा
यहां हर शाम और सुबह पूजा होती है. शाम को हमारी मुलाकात यहां रहने वाली पंडित जी से हुई. उन्होंने कहा वाल्मिकी जी यहां आये थे. वह इसी पहाड़ में राम नाम का उल्टा जाप कर रहे थे. इसी से इस पहाड़ का पहला शब्द मरा जो की राम का उल्टा है मिला. शिला का अर्थ होता है पहाड़, ईश्वर तो उससे शिला मिला. इस तरह इस जगह का नाम मराशिला पहाड़ पड़ा. यहां शिवलिंग है जो बहुत प्राचीन है तो इसे शिवधाम भी कहा जाता है.
एक रात में तैयार हुआ है शिवधाम का मंदिर
इस जगह को लेकर कई तरह की कहानियां है, मंदिर निर्माण को लेकर कहानी जो पीढ़ियों से चली आ रही है वो यह है कि भगवान विश्वकर्मा ने यहां का मंदिर बनाया, उन्हें मंदिर निर्माण के लिए सिर्फ एक रात का वक्त मिला था. उन्होंने सारे काम कर लिये लेकिन जब मंदिर के गुंबद की बारी आयी तो सुबह हो गया मुर्गे ने बांग दे दी. भगवान विश्वकर्मा को यहां का मंदिर अधूरा छोड़ना पड़ा बाद में यहां के रहने वालों ने मंदिर का काम पूरा किया.
पूरी हुई है कई मुरादें
चुकि यह प्राचीन मंदिर है तो यहां कई भक्तों की मुराद पूरी हुई है. कई लोग अपनी मनोकामना पूरी होने के बाद दोबारा लौटते हैं, पूजा करते हैं. यहां के पंडित जी कहते हैं जहां शांति है, वहां ईश्वर है. इस जगह आकर ही आप महसूस करेंगे कि यहां का माहौल कुछ अलग है. ऐसा लगता है जैसे सारी परेशानियां आप पहाड़ के नीचे छोड़ आये हैं.
महिलाएं करती है देखरेख
ज्योति महिला समिति इस ग्रुप की पांच से आठ महिलाएं मिलकर इस मंदिर परिसर और पूरे इलाके की देखरेख करती हैं. यहां पार्किंग का काम भी इन्होंने अपने हाथ में ले रखा है. कोई भी आये पहाड़ के ऊपर गाड़ी नहीं ले जा सकता है. इस समूह की सदस्य ने हमें बताया कि हमने शुरूआत में यहां आने वालों से खूब विनती की कहा, ऊपर गाड़ी मत ले जाईये, खाने पीने का सामान मंदिर के आसपास मत फेंकिये, शराब मत पीजिए .
महिला कहतीं है कि हमारी इस विनती का कोई असर नहीं हुआ तो हमने साथ मिलकर काम करने का फैसला लिया. पुलिस भी हमारा साथ देती है. थाना का नंबर हमारे पास है कोई परेशानी होती है तो हम उन्हें सूचित कर देते हैं. इस जगह को और सुंदर औऱ सुविधा जनक बनाने का फैसला हमने लिया है.
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